जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक कांग्रेस पार्टी की विदेश नीति दुनिया भर में कामयाब रही । रूस के साथ रिश्ते हो या मनमोहन सिंह द्वारा की गई nuclear deal हो । कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के मुकाबले ज्यादा कामयाब रही है ।
जवाहरलाल नेहरू के दौर में भारत ने दोनों रूस और अमेरिका से अच्छे रिश्ते बनाए रखे । यह वो समय था जब भारत का डंका पूरी दुनिया में बजता था । आज जो लोग मोदी की विदेश नीति की तारीफ करते नही थक रहे है , उन्हें जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह की विदेश नीति पड़नी चाहिए ।
मोदी जी पाकिस्तान जाते है तो बदले में पठानकोट मिलता है । मोदी जी चीन जाते है तो वह पाकिस्तान के साथ चला जाता है । यहाँ तक की नेपाल और रूस जैसे हमारे पुराने दोस्त भी अब हमारे खिलाफ होते जा रहे है ।
इतने सब के बाद भी भक्त “मोदी-मोदी” करते नही थक रहे है । विदेश नीति के नाम पर अमेरिका-अमेरिका कर रहे है । मेक इन इंडिया की बात करने वाले मोदी जी अमेरिका में बने हथियारों का भंडार खरीद रहे है । दुगनी कीमत पर राफेल सौदा करते है और उनका निर्माण भी फ्रांस में करवाते है ।
नजर डाली जाए तो मोदी सरकार की विदेश नीति में कई विफलताएं है । जिनमें प्रमुख है –
* NSG
* राफेल सौदा
* पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद
* पाकिस्तान-रूस सैन्याभ्यास
* चीन का पाकिस्तान को समर्थन
* NSG
* राफेल सौदा
* पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद
* पाकिस्तान-रूस सैन्याभ्यास
* चीन का पाकिस्तान को समर्थन
मोदी सरकार के आने के बाद भारत के सबसे भरोसेमंद और पुराने दोस्त रूस ने भी पाकिस्तान से नजदीकियां बड़ा ली है । रूस पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास कर रहा है । पाकिस्तान को हथियार बेच रहा है और आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़ा भी नजर आ रहा है । रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पाकिस्तान को सन्देश भेजते हुए कहा है कि ” रूस आतंकवाद के मुद्दे पर उसके साथ है”
मोदी भक्त मीडिया चाहे कुछ भी कहे लेकिन अगर आंकड़ों और तथ्यों पर नजर डाली जाए तो विदेश नीति के मुद्दे पर मोदी सरकार पूरी तरह फेल रही है ।
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