अगर आप वाॅट्सऐप के किसी ऐसे ग्रुप से जुड़े हैं, जिसके जरिये लोगों को भड़काने वालीं सूचनाएं या अफवाहें शेयर की जा रही हैं, तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। पुलिस की आप पर नजर है।
वाॅटसऐप पर सूचनाओं के साथ अफवाहों का बाजार भी गर्म हो जाता है, जिसकी वजह से सामाजिक ताना-बाना छिन्न होने का खतरा पैदा हो रहा है। सलमान खान की 17 जुलाई को रिलीज हो रही 'बजरंगी भाईजान' को लेकर भी वॉट्सऐप पर अफवाह फैलाई जा रही है। इसे लेकर सलमान खान को खुद आगे आकर धर्मविरोधी संदेश फैलाने वालों को चेतावनी देनी पड़ी। सलमान ने ट्वीट किया, 'मेरे नाम का इस्तेमाल करके धर्म विरोधी संदेश फैलाए जा रहे हैं। इन अफवाहों पर विश्वास नहीं करें।'
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वाॅट्सऐप ग्रुप पर मैसेज को पुलिस किस तरह से ट्रेस करती है और जिस ग्रुप से मैसेज पास हुआ, उसकी क्या जिम्मेदारी है?
वॉटसऐप नंबर पर रोजाना कई कई मैसेज का आदान-प्रदान होता है, जिसमें कई मैसेज आपत्तिजनक होते हैं। यदि किसी मैसेज की वजह से कोई गड़बड़ी होती है, तो इसमें परेशानी यह आती है मैसेज किसने पहली बार भेजा, इसका पता ही नहीं चल पाता, इस वजह से कई यूजर परेशान होते हैं।
ऐसे रख रही पुलिस नजर
क्राइम ब्रांच एएसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि, वाॅटसऐप ग्रुप पर संदिग्ध मैसेज वाले की पहचान ग्रुप एडमिन से की जाती है। जिस ग्रुप से मैसेज आता है, उससे बात की जाती है कि संदिग्ध मैसेज भेजने वाला कौन है? यह इसलिए किया जाता है कि ग्रुप एडमिन ही सदस्य को अपने से जोड़ता है। ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी बनती है कि संदिग्ध मैसेज आने पर वह इसकी सूचना पुलिस को दे। यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो वह भी आईटी एक्ट के तहत दोषी माना जाता है।
किस-किस तरह से हो रहा वॉट्सऐप का दुरुपयोग
- दो जुलाई की रात शाहजहांनाबाद क्षेत्र में बच्चा चोरी की अफवाह के बाद वॉट्सऐप ग्रुप के गंभीर खतरे सामने आए हैं। उस दिन सैयद फाजिल के मोबाइल फोन से वॉट्सऐप पर इस तरह का संदेश प्रसारित किया गया था, जो मीडिया और पुलिस से जुड़े लोगों के पास पहुंच गया था। इस वजह से इस क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था। इसके बाद आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 505बी और 67 आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
- जनवरी 2015 में एक महिला रागिनी (बदला हुआ नाम) ने अपनी सिम बदल ली, लेकिन वॉटसऐप बंद नहीं किया। वह सिम किसी दूसरे आदमी राहुल (बदला हुआ नाम) ने ले ली। राहुल बाद में रागिनी का वॉट्सऐप नंबर उपयोग करने लगा। रागिनी के वॉट्सऐप नंबर पर उनकी कई सहेलियों का ग्रुप बना हुआ था। ऐसे में राहुल ने रागिनी की सहेलियों से, रागिनी बनकर ही बातचीत शुरू की। धीरे-धीरे नार्मल बात से शुरु होने के वह अश्लील बात करने लगा, लेकिन उसकी सहेलियों ने समझा कि रागिनी ही बात कर रही है। एक दिन किसी सहेली की रागिनी से मुलाकात हुई, तो उसने कहा, यार, तुम तो बड़ी बोल्ड हो गई हो। इस पर रागिनी को हैरत हुई कि ऐसी बातें तो उसने की ही नहीं। इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच में की गई तब इस सारी बातों का खुलासा हुआ। वॉट्सऐप नंबर का उपयोग करने वाले ने इसके लिए रागिनी से माफी मांगी, तब जाकर मामला रफा-दफा हुआ।
हो सकता है आजीवन कारावास और 10 लाख का जुर्माना
- आईटी एक्ट-2008 के अनुसार, राष्ट्रद्रोह के मैसेज(देश के खिलाफ लोगों को भड़काना) भेजने वाले के खिलाफ 66 एफ के तहत आजीवन कारावास का प्रावधान है।
- अश्लीलता से भरे मैसेज या इमेज भेजने पर 67ए के तहत 5 साल की सजा और यदि यह बच्चों के हों, तो 67 बी के तहत 7 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना दोनों प्रावधान है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 153 ए, 295ए, 294, 509 के तहत भी इस तरह के मैसेज भेजने पर कानूनन कार्रवाई का प्रावधान है।
- देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वालीं पोस्ट पर पुलिस रासुका की कार्रवाई कर सकती है।
- क्या है रासुका
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को गिरफ्तारी का आदेश देता है। अगर सरकार को लगता कि कोई व्यक्ति उसे देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से रोक रहा है, तो वह उसे गिरफ्तार करने की शक्ति दे सकती है। सरकार को ये लगे कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में उसके सामने बाधा खड़ा कर रहा है, तो वह उसे गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है। साथ ही, अगर उसे लगे कि वह व्यक्ति आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधा बन रहा है, तो वह उसे गिरफ्तार करवा सकती है। इस कानून के तहत जमाखोरों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है। इस कानून का इस्तेमाल डीएम, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है।
वाट्सऐप का इस्तेमाल करते हुए यह रखें सावधानियां
- यदि आप ग्रुप एडमिन हैं और आपसे जुड़े लोग कोई आपत्तिजनक कमेंट करते हैं, तो या तो उस पोस्ट को डिलीट कर दें या फिर इसकी सूचना पुलिस को दें। उस पोस्ट का खंडन भी आप तुरंत कर सकते हैं, जिससे आगे वह मैसेज आपके द्वारा पास न हो।
- यदि आप ग्रुप एडमिन नहीं हैं और आपके वॉट्सऐप नंबर पर किसी अन्य नंबर से मैसेज आता है, तो उस मैसेज को बिना चेक किए आगे न बढ़ाएं।
- यदि आपत्तिजनक पोस्ट के बारे में पुलिस जानकारी मांगती है, तो उसे जानकारी देना जरूरी है।
- वॉट्सऐप कालिंग से ज्यादा बात नहीं करें, क्योंकि इसका कोई भी रिकार्ड मोबाइल में नहीं रहता है।
बहुत मुश्किल होता है पोस्ट का ऑरीजनल सोर्स पता करना
व्हाटसएप में मैसेज या फोटो किसने शेयर किए, यह पता लगाना बहुत मुश्किल होता है। 10 हजार में से 1 में ही ओरीजनल पोस्ट करने वाला का पता लग पाता है। ऐसे में ग्रुप एडमिन ही लीगल रुप से अफवाह वाले मैसेज का जिम्मेदार होता है। व्हाटसएप पर चल रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
जितेंद्र जैन, सायबर सुरक्षा विशेषज्ञ, दिल्ली
ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी
ऐसे मैसेज जो समाज में विद्वेष फैलाने वाले हों, राष्ट्रद्रोह के हों या फिर सेक्स से रिलेटेड, उन पर आईटी एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई का प्रावधान है। यदि किसी के पास ऐसे मैसेज आते हैं, तो वह उन्हें डिलीट कर दे। यदि ग्रुप में ऐसे मैसेज आते हैं तो ग्रुप एडमिन इसके लिए जिम्मेदार होता है।
शैलेंद्र सिंह चौहान, एएसपी, क्राइम ब्रांच
ऐसे मैसेज जो समाज में विद्वेष फैलाने वाले हों, राष्ट्रद्रोह के हों या फिर सेक्स से रिलेटेड, उन पर आईटी एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई का प्रावधान है। यदि किसी के पास ऐसे मैसेज आते हैं, तो वह उन्हें डिलीट कर दे। यदि ग्रुप में ऐसे मैसेज आते हैं तो ग्रुप एडमिन इसके लिए जिम्मेदार होता है।
शैलेंद्र सिंह चौहान, एएसपी, क्राइम ब्रांच
अगर आपके पास है कोई जानकारी या सूचना तो हमें 9200010444 पर वॉट्सऐप करें या bplhyper@gmail.com पर मेल करें।
Web Title: वाट्सऐप (News in Hindi from Dainik Bhaskar)
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